Poems

भक्ति

मिट्टी के कण-कण में तू है…
इस आकाश गगन के तारो में तू है..
क्यों तुझे देख मेरा मन भर आए
तुझसे मेरा रोम रोम मुस्कुराए..
कैसी है ये तेरी महिमा
जो मुझे वापस अपने घर लाए..

जल की तरंगों … Continue Reading...